1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त हुए केन्द्रीय स्वायत्त निकायों (सशस्त्र बलों को छोड़कर)केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों पर एनपीएस लागू है। कई राज्ये सरकारों ने एनपीएस संरचना को अपनाया है और एक निर्दिष्ट तिथि को या उसके बाद नियुक्तन होने वाले अपने कर्मचारियों के लिए गजट अधिसूचनाओं के माध्य म से एनपीएस को अनिवार्य किया है।
परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली (डीबीपीएस) कही जाने वाली भारत सरकार की पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों द्वारा लिए गए अंतिम वेतन पर आधारित है। एनपीएस को परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली (डीसीपीएस) के नाम से जाना जाता है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ताश सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को नियमानुसार वार्षिकी/एकमुश्तज आहरण के रूप में दी जाने वाली पेंशन राशि के लिए अंशदान करते हैं।
हां। भारत सरकार द्वारा 1/1/2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले नये कर्मचारियों के लिए एनपीएस शुरू करने के निर्णय के अनुरूप वित्तद मंत्रालय के व्यरयविभाग ने दिनांक 13/11/2003 के कार्यालय ज्ञापन 1 (13)/ईवी/2001 के माध्य/म से यह निर्णय लिया कि विभिन्नर मंत्रालयों/विभागों के अधीन सभी केन्द्रीमय स्वाकयत्तग निकायों में 1/1/2004 को या उसके बाद नियुक्तं होने वाले सभी नए कर्मचारी भी एनपीएस द्वारा अभिशासित होंगे।
व्यसय विभाग,वित्तय मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने दिनांक 30/1/2009 के कार्यालय ज्ञापन संख्याु 1 (13)/ईवी/2008 के माध्येम से सभी केन्द्रीाय स्वा0यत्त् निकायों को सुझाव दिया था कि वे एनपीएस के अंतर्गत अपने कार्यों के निष्पारदन के प्रति अपनी औपचारिक प्रतिबद्धता दर्शाने वाला सहमति पत्र (लेटर ऑफ कन्सेंट) संबंधित मंत्रालय/विभाग के वित्तीवय सलाहकार के माध्यलम से प्रस्तुमत करे।
हां। व्योय विभाग, वित्त मंत्रालय के दिनांक 30/06/2009 के कार्यालय ज्ञापन संख्यान 1(2)/ईवी/2007 के माध्यवम से ऐसे कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति 1/1/2004 से पहले हुई है, उनके संगठनों को एनपीएस में शामिल होने की अनुमति दी है। प्रभावी तिथि वह मानी जाएगी जिस तिथि को संबंधित कर्मचारी इस विकल्पम का चयन करते हैं। अन्यभ कार्यात्मएक विस्तृबत विशेषताएं निम्न9लिखित हैं
स्वा यत्ती निकायों को संबंधित मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के माध्यम से एक प्राधिकृत सहमति पत्र (लेटर ऑफ कंसेन्टआ) पीएफआरडीए के पास जमा कराना होता है।
तत्पलश्चा्त, सीएबी को अन्यप फॉर्म जैसे पीआरएओ के लिए एन1, पीएओ/सीडीडीओ के लिए फॉर्म एन2 और डीडीओ के लिए फॉर्म एन3 के साथ ‘मास्ट्र क्रिएशन फॉर्म (एमसीएफ) को वास्तकविक रूप में जमा करने की आवश्यीकता होती है।
पीएफआरडीए से सहमति पत्र (लेटर ऑफ कंसेन्टस) प्राप्तक होने और उपर्युक्तच उल्लिखित फॉर्म के सही पाये जाने पर सीएबी का सीआरए प्रणाली में पंजीकरण किया जाता है।
विभिन्न् राज्या सरकारों ने एनपीएस सरंचना को अपनाया है और विभिन्न तिथियों से एनपीएस को कार्यान्वि त किया है।
कई राज्यक सरकारों ने एनपीएस सरंचना को अपनाया है और यदि अपने संबंधित सरकारी अधिसूचनाओं में अधिसूचित किया है, तो राज्यस सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ स्वाधयत्तअ निकायों, राज्यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निगमों, बोर्डों के लिए एनपीएस को कार्यान्वित किया है
विभिन्न राज्यर सरकारों ने एनपीएस सरंचना को अपनाया है और राज्यक सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ स्वासयत्तय निकायों, राज्यर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निगमों, बोर्डों इत्याादि के लिए विभिन्नड प्रभावी तिथियों से एनपीएस को कार्यान्वित किया है।
स्वाओयत्ता निकायों को संबंधित राज्य सरकार की एनपीएस अधिसूचना में दर्शाये अनुसार अधिकृत नोडल कार्यालयों/ मंत्रालयों/ विभागाध्यऔक्षों इत्यासदि के माध्येम से प्राधिकृत सहमति पत्र (लेटर ऑफ कंसेन्टभ) पीएफआरडीए के पास जमा करना होता है।
मास्टरर क्रिएशन फॉर्म (एमसीएफ) जमा कराने पर सीआरए के साथ परस्पिर व्यसवहार के लिए अधिकृत कार्यालय के पंजीकरण के बाद, निगरानी कार्यालय और दिन प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्यालय का पंजीकरण सीआरए के पास प्रस्तु त किए गए वास्तयविक आवेदन फॉर्म अर्थात डीटीएके लिए फॉर्म एन1, डीटीओ के लिए एन2 और डीडीओ के लिए एन3 के आधार पर किया जाएगा।