Sr. No. | Notes |
1. | 'अंशदान विवरण' अवधि के दौरान अभिदाता के खाते में किए गए अंशदान का विवरण उपलब्ध कराता है। |
2. | केन्द्र सरकार, पात्र अभिदाताओं (जो 31 मार्च, 2016 से पूर्व एपीवाई में शामिल हुए हों और किसी अन्य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य नहीं हैं और जो आयकर प्रदाता नहीं हैं) को पांच वर्ष की अवधि अर्थात, वित्ती्य वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक कुल अंशदान का 50% अथवा 1000/- प्रति वर्ष, जो भी कम हो, का सह-अंशदान करती है। अभिदाता द्वारा उक्त वित्तीय वर्ष के लिए सम्पूर्ण अंशदान कर लेने पर इस सह-अंशदान को एपीवाई-एसपी द्वारा वार्षिक आधार पर अभिदाता के बचत बैंक खाते में जमा किया जाता है। |
3. | ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट गतिशील है। ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में मूल्य और अन्य गणनाएं सीआरए सिस्टम में ट्रांजेक्शन स्टेंटमेंट अभिप्राप्त होने की तिथि पर निर्भर करती हैं। |
4. | अंशदान राशि को भारत सरकार के दिशानिर्देशों (85% तक की राशि का निवेश ऋण और सरकारी प्रतिभूतियों और 15% तक की राशि निवेश इक्विटी में किया जाएगा) के अनुसार निवेशित किया जाता है। |
5. | "यह योजना आयकर अधिनियम, 1961 (‘’अधिनियम’’) की धारा 80 सीसीडी के तहत कटौती के योग्य है। इसके अतिरिक्त , धारा 80 सीसीडी (1 ख) के तहत एनपीएस में अंशदान करने पर आपकी कर योग्य आय पर 50,000 रू. तक की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान है। उदहारण के लिए यदि आपकी वार्षिक आय 15 लाख रूपए है तो एनपीएस में रू. 2 लाख का अंशदान करने पर आपको प्राप्त होगा : क. धारा 80 सीसीडी (1) के अंतर्गत कटौती - रू. 1.50 लाख ख. धारा 80 सीसीसडी (1ख) के अंतर्गत कटौती – रू. 50,000 ग. कुल कटौती (क + ख) – रू. 2 लाख " |
6. | आपके खाते में प्रदर्शित हो रही शेष राशि और संबंधित विवरण आपके एपीवाई बैंक शाखा द्वारा अपलोड किए गए विवरणों और अंशदान राशि पर आधारित हैं। किसी भी प्रकार की विसंगति के मामले में, आप तुरंत अपने एपीवाई बैंक शाखा से सम्परर्क करें। |
7. | एनपीएस न्यास ने अपने व्यय की पूर्ति हेतु दैनिक प्रोद्भूत आधार पर प्रबंधन के अधीन आस्तियों (एयूएम) के संबंध में लिए जाने वाले प्रशासनिक शुल्क/व्यय की वसूली पर 25 जनवरी, 2019 से रोक लगा दी है। यह शुल्कं @ 0.005% था। |
लेख | |
पारिभाषिक शब्द | विवरण |
अतिदेय ब्याज |
"एपीवाई के अंतर्गत, अभिदाता के पास मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक आधार पर अंशदान करने का विकल्पग मौजूद है। बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे विलम्बिवत भुगतानों के लिए अतिरिक्त राशि को वसूल करें। विलम्बित अंशदानों के संबंध में अतिदेय ब्याज को निम्नानुसार दर्शाया जाएगा : विलम्बिबत अंशदान हेतु अतिदेय ब्याज : |