टीयर । और टीयर । खाते में अंशदान करने के लिए, अभिदाता को NCIS (एनपीएस कंट्रीब्युशन इंस्ट्रक्शन स्लिप) भरकर अंशदान राशि के साथ किसी भी पीओपी-एसपी के पास जमा कराना होता है अथवा वह एनपीएस में अंशदान करने के लिए ई-एनपीएस वेबसाइट सेभी कर सकता है। एनपीएस में अंशदान करने के लिए निम्नलिखित तीन तरीके हैं :
अभिदाता को पंजीकरण के समय प्रांरभिक अंशदान (टीयर । के लिए न्यूनतम 500 रू. और टीयर ।। के लिए न्यूनतम 1000 रू.)करना अपेक्षित है।
इसके बाद , अभिदाता निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन अंशदान कर सकता हैः
टीयर । :
क.प्रति अंशदान न्यूनतम राशि : रू. 500
ख.प्रत्येक वित्त वर्ष न्यूनतम अंशदान : एक
ग. एक वित्तीय वर्ष अंशदान की न्यूनतम संख्या : एक
टीयर । में एक न्यूनतम अंशदान की अनिवार्य सीमा के अतिरिक्त, अभिदाता अपनी सुविधा के अनुसार साल भर किए जाने वाले अंशदानों की आवृत्ति के बारे में निर्णय कर सकता है।
टीयर ।। :
क. प्रति अंशदान न्यूनतम राशि - रू. 250
ख. किसी प्रकार का न्यूनतम शेष अपेक्षित नहीं है।
पीएफएम (पेंशन निधि प्रबंधक) द्वारा अंशदान निवेश करने की तिथि को ही अभिदाता के खाते में यूनिट्स जमा हो जाएंगी। अभिदाता के खाते में यूनिट जमा होने में टी़+ 2 का समय लगता है यहां टी से अभिप्राय न्यासी बैंक में निधि प्राप्त होने की तिथि से है। इस गतिविधि को सीआए सिस्टम में सेटलमेंट कहा जाता हैं जहां पीओपी द्वारा अंशदान को अभिदाता की पूर्वपरिभाषित योजना में निवेश करने के लिए पीएफएम को अंतरित किया जाता है और तद्नुसार, पीएफएम उस दिन के एनएवी की घोषणा करता है और अभिदाता को यूनिट आबंटित की जाती हैं।
इसे नीचे दिए गए उदहारण के जरिए हम इस प्रकार समझ सकते हैं :
पीओपी जोकि एनपीएस के अंतर्गत एक इंटरफेस है, अभिदाता से अंशदान संकलित करती है और सीआरए सिस्टम में अंशदान विवरण अपलोड करती है तथा उसी समय अंशदान को न्यासी बैंक (एनपीएस मध्यवर्ती जैसे पीओपी से एनपीएस अंशदान संकलित करने हेतु नामांकित बैंक) में जमा करती है। अंशदान प्राप्त होने पर न्यासी बैंक, सीआरए सिस्टम में अंशदान प्राप्ति विवरण अपलोड करता है। इन दो सूचनाओं (पीओपी से अंशदान विवरण और न्यासी बैंक से अंशदान प्राप्ति विवरण) के प्राप्त होने पर सीआरए सिस्टम में सेटलमेंट प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।
हां। एनपीएस में अंशदान के लिए केवल स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (प्रान) की आवश्यकता होती है। अभिदाता को एक बार प्रान आबंटित किए जाने पर अंशदान किया जा सकता है चाहे प्रान कार्ड प्राप्त हुआ हो अथवा नहीं।