एनपीएस के निम्नालिखित लाभ हैं :
संचित अंशदान को निवेश करने की जिम्मेरदारी पेंशन निधियों (PFs) की होती है जो पीएफआरडीए अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप राष्ट्री य पेंशन प्रणाली के अंतर्गत विभिन्नस योजनाओें के माध्य म से पेंशन राशि का प्रबंधन करते हैं।
एनपीएस आपको आपके खाते में निवेश के दो प्रकार उपलब्ध कराती है :
सक्रिय विकल्पव में, अभिदाता आस्ति वर्गों में आबंटन के प्रतिशत का चयन करता है जबकि ऑटो विकल्पल में,अभिदाता की आयु के आधार पर पूर्व निर्धारित मैट्रिक्सा में आस्ति वर्गों के मध्यव निधियों का आबंटन स्वात: ही हो जाता है। पेंशन फंड मैनजर का चयन करने के बाद अभिदाता को निवेश विकल्पा का चयन भी करना पड़ता है।
1. एक्टिव विकल्पक :
परांपरागत निवेश उत्पाैदों से हटकर, एनपीएस आपको अपना पोर्टफोलियो निर्धारित करने की सुविधा प्रदान करता है। आपकी जोखिम उठाने क्षमता (रिस्कक एपेटाइट) के आधार पर, आप उपलब्ध चार आस्ति वर्गों के मध्ये निधियां आबंटित करके अपना पोर्टफोलियो का निर्धारण कर सकते है। इसे एक्टिव विकल्प् कहा जाता है। एक्टिव विकल्प के अंतर्गत निम्नबलिखित चार आस्ति वर्ग उपलब्ध हैं :
2. ऑटो विकल्पि :
कभी- कभी पोर्टफोलियो निर्धारण करना कुछ विषम हो सकता है या इसमें अधिक समय लग सकता है। यदि आप सक्रिय विकल्पफ का चयन नहीं करना चाहते तो एनपीएस आपको आपके पोर्टफोलियो के गतिशील और स्वपत: आबंटन करने की सुविधा प्रदान करती है। इस विकल्पि को ऑटो विकल्पे कहा जाता है।
ऑटो विकल्पत में, आपकी आयु के आधार पर आपकी धनराशि को परिभाषित अनुपात में ई, सी और जी आस्ति वर्गों में आबंटित किया जाएगा। जैसे- जैसे व्य क्ति की आयु बढ़ती है, इक्विटी और कॉरपोरेट ऋण में एक्समपोजर धीरे धीरे कम होता है और सरकारी प्रतिभूतियों में बढ़ता है। अभिदाता की जोखिम क्षमता के आधार पर ऑटो विकल्प के अंतर्गत यहां तीन विभिन्नि प्रकार के विकल्पह उपलब्ध हैं जैसे एग्रेसिव, मोडरेट और कंजरवेटिव
एनपीएस के अंतर्गत निवेश हेतु निम्नवलिखित आस्तिवर्ग उपलब्धन हैं :
यदि आप एक कंजरवेटिव निवेशकर्ता हैं तो आप अपनी समग्र पेंशन राशि को C अथवा G आस्तिवर्गों में निवेश करने का विकल्पो चुन सकते हैं। हालांकि, यदि आप इक्विटी में एस्पो जर चाहते हो, तो आप अपनी धनराशि का अधिकतम 50 % इक्विटी आस्तिवर्ग ‘E’ और 5 % तक वैकल्पिक निवेश निधियों में निवेश कर सकते हैं।
योजना वरीयता परिवर्तन एक ऐसी सुविधा है जो गैर-सरकारी अभिदाताओं को उनके पोर्टफोलियों का निर्धारण/पुननिर्धारण करने का विकल्प उपलब्धउ कराती है। इसमें पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) बदलने, एक्टिव विकल्प से ऑटो विकल्प में जाना और एक्टिव विकल्प विभिनन आस्तिवर्गों में आबंटन का प्रतिशत निर्धारित करना शामिल हैं।
गैर-सरकारी सेक्टबर के अभिदाता अपने संबंधित पीओपी-एसपी के माध्य्म से उनकी योजना वरीयता में परिवर्तन कर सकते हैं। इसे सीआरए की लॉग-इन क्रेडेन्शिकयल के माध्य म से ऑन-लाइन भी किया जा सकता है।
एनपीएस में विभिन्ना पीएफएम, निवेश विकल्पि (ऑटो या एक्टिव) और चार आस्तिवर्ग – इक्विटी, ऋण, सरकारी प्रतिभूतियां और वैकल्पि क निवेश निधि मौजूद हैं। अभिदाताओं को टीयर । और टीयर ।। खातों हेतु उपलब्धत पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) और निवेश विकल्पों में से किसी एक को अलग-अलग चयन की सुविधा प्रदान की गई है।
पंजीकरण फॉर्म भरते समय पेंशन फंड मैनेजर का चयन करना अनिवार्य है। एनपीएस के तहत सभी पीएफम का पंजीकरण और विनियमन पीएफआरडीए द्वारा किया जाता है। उन्हेंए अभिदाता अंशदान को, पीएफआरडीए द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और विनियमों के अनुसार निवेश करने का दायित्वज सौंपा गया है।
संबंधित पीएफएम के कार्यप्रदर्शन को आप एनपीएस न्याशस की वेबसाइट http://www.npstrust.org.in/return-of-nps-scheme पर देख सकते हैं। एनपीएस के अंतर्गत विभिन्नw योजनाओं के रिटर्न आपको पीएफएम के चयन करने मे सहायता कर सकते हैं। एनपीएस में, एक वित्ती य वर्ष में आपको एक बार पीएफएम बदलने की अनुमति है।
एनपीएस आपको दो प्रकार के खाते – टीयर । और टीयर ।। उपलब्धत कराता है। टीयर । एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति खाता है जबकि टीयर ।। खाता आपके प्रान से संबंधित एक स्वै च्छिक बचत खाता है।
एनपीएस टीयर ।। खाते के निम्नयलिखित महत्वपपूर्ण लाभ हैं
कोई भी अभिदाता जिसके पास सक्रिय टीयर । खाता है वह टीयर ।। खाता सक्रिय करवा सकता है ।
अभिदाता के खाते में जमा किए गए अंशदान को अभिदाता द्वारा पंजीकरण के समय चुने गए पीएफएम (या बाद में परिवर्तित किए गए) के पास भेज दिया जाता है। पीएफएम राशि का निवेश करता है और प्रत्ये क कारोबारी दिवस की समाप्ति पर निवल आस्ति मूल्यज (NAV) की घोषणा करता है। तदनुसार,NAV के आधार पर अभिदाता के खाते में यूनिट्स जमा की जाती हैं। मौजूदा यूनिटों को NAV से गुणा करने पर निवेश की वर्तमान मूल्य प्राप्तन किया जाता है।
एनपीएस के अंतर्गत रिर्टन बाजार आधारित होते हैं। इसलिए, इसमें रिर्टन की गारंटी/परिभाषित राशि नहीं होती। पेंशन कोष के लिए संचित किए गए निवेश के माध्यिम से रिर्टन सृजित होते हैं और इन्हेंर लाभांश या बोनस के रूप में वितरित नहीं किया जाता है।
नेट एसेट वेल्यूग को NAV भी कहा जाता है। यह निधि की एक ईकाई का मूल्यि होता है। प्रत्येकक कारोबारी दिवस की समाप्ति पर NAV की गणना की जाती है। इसकी गणना निधि पोर्टफोलियो में सभी प्रतिभूतियों और नकद (आस्तियों) के मूल्यह के जोड़ से निधि की देनदारियों को घटाकर और इस प्रकार प्राप्तो राशि को जारी की गई निधि की ईकाईयों की संख्या़ से विभाजित करके की जाती है।
निधियों के आस्तियों के मूल्यो में जब भी वृद्धि (या गिरावट) होती है NAV में भी वृद्धि (या गिरावट) होती है। विभिन्न पीएफएम की योजनाओं के NAV में भिन्न ता हो सकती है। यहां तक कि एक ही पीएफएम के अंतर्गत विभिन्नल योजनाओं का NAV भिन्नं होगा।
नहीं, रोजगार या स्थान बदलने पर आपको एनपीएस खाता दुबारा खुलावाने की कोई आवश्यकता नहीं है। संवहनीयता एनपीएस की एक मुख्य विशेषता है, इसे व्यक्ति विशेष द्वारा किसी भी रोजगार और स्थान/ भौगोलिक परिस्थति के बावजूद देश में कहीं से भी संचालित किया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि आप अपने प्रान को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर अर्थात केन्द्र सरकार से कॉरपारेट सेक्टर, राज्य सरकार से केन्द्र सरकार इत्यादि में स्थानांतरित कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्ते, यदि आप किसी भी कारण स्था न परिवर्तित करते हैं तो आप समान पीओपी के अंतर्गत पीओपी-एसपी को बदल सकते हैं अथवा आप स्थाभन की उपलब्धाता के आधार पर अपनी पंसद के पीओपी का चुनाव कर सकते हैं।
आप इस वेबसाइट पर उपलब्धक ‘Important Links’ के जरिए अपने स्थाेन के पीओपी/पीओपी-एसपी की सूची प्राप्तब कर सकते हैं।