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Withdrawal

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत किसी अभिदाता के व्यक्तिगत पेंशन खाते के बंद होने की प्रक्रिया को निकास कहा जाता है।

पीएफआरडीए (एनपीएस के अंतर्गत निकास और आहरण) विनियम, 2015 के अनुसार अभिदाता निम्नलिखित परिस्थितियों में एनपीएस से निकास कर सकता हैः

  1. सूपरैन्यूएशन पर : जब अभिदाता सूपरैन्यूएशन / 60 वर्षकी आयु प्राप्तकर लेता है तो उसे संचित पेंशन राशिमें से कम से कम 40% भाग का उपयोग वार्षिकीकी खरीदके लिए करना होगा जो उसे एक नियमित मासिक पेंशन प्रदान करेगी। बाकि शेषनिधियोंका आरहरण एक मुश्तरूप में किया जा सकता है।
    यदि कुल संचित पेंशन राशि 5 लाख रूपएया उससे कम है तो अभिदाता 100% राशिके एक मुश्त आहरणके विकल्प का चयन कर सकता है।
  2. समय पूर्व निकास: एनपीएस से समय पूर्व निकास (सूपरैन्यूएशन/60 वर्षकी आयु प्राप्त करने से पूर्व निकास) के मामलेमें अभिदाताको संचित पेंशन निधिके कम से कम 80 भाग का उपयोग वार्षिकीकी खरीदके लिए करना पड़ेगा जो उसे नियमित मासिक पेंशन प्रदान करेगा। शेष राशिका आहरण एक मुश्त रूपमें किया जा सकता है। हालांकि, आप केवल 5 वर्ष पूरे करने पर भी एनपीएससे निकास कर सकते है।
    यदि कुल राशि 2.5 लाख रूपए या उससे कम है तो अभिदाता 100% राशिके एक मुश्त आहरणके विकल्प का चयन कर सकता है।
  3. अभिदाताकी मृत्यु होने पर – समग्र संचित पेंशन निधि (100%) का भुगतान अभिदाताके नामिति/कानूनी हकदार को कर दिया जाएगा।

अभिदाता एनपीएस में निवेश जारी रखने (75 वर्ष तक) अथवा एनपीएस से निकास के संबंध में निणर्य कर सकता है। एनपीएस अभिदाताओं के लिए निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:

  1. एनपीएस खातेको जारी रखना :
    अभिदाता 60 वर्ष/ सूपरैन्यूएशन की आयुके बाद भी (75 वर्ष तक) एनपीएस खातेमें अंशदान करना जारी रख सकते हैं। 60 वर्षकी आयुके बाद अंशदान करने पर अभिदाता एनपीएसके अंतर्गत विशेष करलाभ प्राप्त करने के लिए पात्रभी बन जाते हैं।
  2. आस्थगन (वार्षिकी साथही साथ एक मुश्त राशिका):
    अभिदाता अपने आहरणका अस्थगित कर सकता है और 75 वर्षकी आयु तक एनपीएसमें निवेश करना जारी रख सकता है। अभिदाता यदि चाहेतो केवल एक मुश्त आहरण एकेवल वार्षिकीको या वार्षिकीके साथ-साथ एक मुश्त आहरण दोनोंका अस्थगित कर सकता है।
  3. अपनी पेंशन प्रारंभ करना:
    यदि अभिदाता अपने एनपीएस खाते को जारी नहीं रखना चाहता अथवा अस्थगित नहीं करना चाहता तो वह एनपीएससे निकास कर सकताहै। वह निकास अनुरोध ऑनलाइन भेज सकता है और एनपीएसके निकास संबंधी दिशा निर्देशोंके अनुसार पेशन प्राप्त करना आंरभ कर सकता है।

आप इस वेबसाइट पर उपलब्ध संबंधित सेक्टर के ‘फॉर्म’ अनुभाग से आहरण फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के आहरण अनुरोध के आधार पर निम्नलिखित फॉर्म उपलब्ध हैं

  1. सूपरैन्यूएशन
  2. समय पूर्व निकास
  3. मृत्यु

सीआरए द्वारा सूपरैन्यूएशनकी आयु/60 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले अभिदाता के लिए सूपरैन्यूएशन/60 वर्ष की आयु की तिथि से 6 महीने पूर्व एक क्लेम आईडी तैयार की जाती है। सीआरए द्वारा क्लेम आईडी तैयार किए जाने की सूचना अभिदाता को ई-मेल, पत्र, एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाता है।

सूपरैन्यूएशनके मामले में,सीआरए सूपरैन्यूएशन या 60 वर्ष की आयु की तिथि से छः महीने पहले एक क्लेम आईडी का निर्माण करता है। क्लेम आईडी के बारे में अभिदाता को ई-मेल, पत्र, एमएमएस के माध्यम से अभिदाता को सूचित किया जाता है। क्लेम आईडी की सूचना प्राप्त होने से अभिदाता आहरण अनुरोध प्रारंभ करने से पूर्व अपने एनपीएस खाते में यदि कोई परिवर्तन (जैसे जन्म-तिथि, पता इत्यादि) करना चाहते हैं तो छः महीने पहले कर सकते हैं। क्लेम आईडी निर्माण किए बिना आहरण अनुरोध दर्ज नहीं कराया जा सकता।

समय पूर्व निकास के मामले में,पेंशन फंड से आहरण हेतु अभिदाता को क्लेम आईडी तैयार करने के लिए पीओपी से सम्पर्क करने की आवश्यकता होती है। यदि पीओपी द्वारा आहरण अनुरोध दर्ज किया जाता है तो क्लेम आईडी सृजित करने की आवश्यकता नहीं होती।

मृत्यु होने पर ऑन लाइन आहरण अनुरोध की प्रक्रिया में क्लेम आईडी सृजित करने की आवश्यकता नहीं होती। मृत्‍यु के मामले मेंपीओपी द्वारा सीधे आहरण अनुरोध दर्ज कराया जा सकता है।

अभिदाता अपने एनपीएस खाते में लॉग-इन करने के माध्यम से ऑनलाइन आहरण अनुरोध दर्ज कर सकते हैं। ऐसे अनुरोध को संबंधित पीओपी द्वारा सत्यापित और प्रमाणित किए जाने की आवश्यकता होती है। यदि अभिदाता ऑनलाइन आहरण अनुरोध दर्ज करने में समर्थ नहीं है तो उसे अपेक्षित दस्तावेजों के साथ वास्तविक आहरण फॉर्म पीओपी के पास जमा कराना पड़ता है। अभिदाता के अनुरोध के आधार पर, पीओपी अभिदाता की ओर से ऑनलाइन आहरण अनुरोध दर्ज करेगा।

इस संदर्भ में अपनाये जाने वाले चरणों की विस्‍तृत जानकारी के लिए आप इसे वेबसाइट पर दिए गए ‘सब्‍सक्राइबर कॉर्नर‘ के अंतर्गत ‘नॉलिज सेंटर’ भाग में उपलब्‍ध ‘विड्रावल प्रोसेस फॉर नॉन गवर्मेंट सब्‍सक्राइबर‘ के ‘सेल्‍फ रनिंग डेमो‘ को देख सकते हैं।

सूपरैन्यूएशन एवं समय-पूर्व निकास के मामले में ठीक प्रकार से भरे गए आहरण फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा कराने अपेक्षित हैं:

  1. मूल (ओरिजनल) प्रान कार्ड
  2. पूरी तरह भरी गई एडवांस स्टैम्पड रिसीप्त और अभिदाता द्वारा क्रॉस हस्ताक्षरित रेवन्यू स्टैम्प
  3. केवाईसी दस्तावेज (पता और फोटो आईडी साक्ष्य )
  4. बैंक साक्ष्य के रूप में कैंसल चेक,अभिदाता का नाम, बैंक खाता संख्या और आईएफएस कोड सहितद्ध अथवा अभिदाता के नाम बैंक खाता संख्या और आईएफएस कोड वाले बैंक के लेटर हैड पर बैंक सर्टिफिकेट को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बैंक पासबुक की एक प्रतिलिपि को स्वीकार किया जा सकता है हांलाकि उस पर अभिदाता का फोटोग्राफए नाम और आईएफएस कोड होना चाहिए और अभिदाता द्वारा स्वयं सत्यापित होनी चाहिए।
  5. यदि सम्पूर्ण आहरण के लिए पात्र हैं तो रिक्‍वेस्‍ट कम अंडरटेकिंग फॉर्म

अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत करने के बादपीओपी द्वारा आहरण अनुरोध को प्रमाणित किया जाएगा।

हां अभिदाता निम्नलिखित मामलों में आहरण का दावा कर सकता है :

  1. सूपरैन्यूएशन के मामले में यदि सूपरैन्यूएशन60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर अभिदाता की कुल संचित निधि रू 5 लाख से कम है तो अभिदाता 100% आहरण का दावा कर सकता है।
  2. समय पूर्व निकास के मामले में यदि अभिदाता की कुल संचित निधि 2.5 लाख रूपए से कम है तो अभिदाता सम्पूर्ण आहरण के विकल्प का उपयोग कर सकता है। हालांकिएनपीएस में केवल 5 वर्ष पूरेहोने के बाद ही आप निकास कर सकते हैं।

हां, एनपीएस अभिदाता अपने किए गए अंशदान की कुछ राशि का आहरण कर सकते हैं। इसे एनपीएस के अंतर्गत आंशिक आहरण कहा जाता है, कृपया आंशिक आहरण की शर्तों के बारे में जानने के लिए प्रश्न संख्या 10 का संदर्भ लें।

आंशिक आहरण हेतु निम्नलिखित शर्तें हैं

  1. अभिदाता एनपीएस प्रणाली में कम से कम 3वर्ष से हो।
  2. आहरण राशि अभिदाता द्वारा किए गए अंशदान के 25%से अधिक नहीं होनी चाहिए
  3. सम्पूरर्ण अंशदान अवधि के दौरान अधिकतम केवल तीन बार आहरण किया जा सकता है।
  4. आहरण केवल विशिष्ट कारणों के लिए अनुदेय है
    • बच्चों की उच्च शिक्षा
    • बच्चों की शादी
    • आवासीय मकान की खरीद/निर्माण (निर्दिष्ट शर्तों के साथ)
    • गंभीर बीमारी के ईलाज के लिए

आंशिक आहरण अनुरोध को अभिदाता द्वारा ऑनलाइन दर्ज कराया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, अभिदता अपेक्षित दस्तावेजों के साथ वास्तविक आंशिक आहरण फॉर्म (601 - PW) को पीओपी के पास जमा करा सकता है। इसी के आधार पर पीओपी ऑनलाइन अनुरोध दर्ज कर सकता है। हालांकि, पीओपी को आहरण अनुरोध को सीआरए सिस्‍टम में ‘ऑथराइज’ करना होता है।

पूरी तरह भरे गए आहरण फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए:

  1. मूल (ओरिजनल) प्रान कार्ड
  2. एडवांस्ड स्टैम्पड रिसीप्त को पूरी तरह भरी होनी चाहिए और अभिदाता द्वारा राजस्व टिकट पर क्रास हस्ताक्षर किए होने चाहिए।
  3. केवाईसी दस्तावेज (पता और फोटो आईडी साक्ष्य)
  4. बैक साक्ष्य के रूप में कैंसल चेक (दावाकर्ता का नामएवं बैंक खाता संख्या आईएफएस कोड सहित) अथवा दावाकर्ता के नाम बैंक खाता संख्या और आईएफएस कोड वाले बैंक के लेटर हैड पर बैंक सर्टिफिकेटको प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बैंकपासबुक की एक प्रतिलिपि को स्वीकार किया जा सकता है| हांलाकि उस पर दावाकर्ता का फोटोग्राफ नाम और आईएफएस कोड होना चाहिए और दावाकर्ता द्वारा स्वयं सत्यापित होनी चाहिए।
  5. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की मूल प्रति

अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त करने के पश्चात, पीओपी को ऑनलाइन आहरण अनुराध को कैप्चर करने की आवश्यकता होती है। चेकर आईडी द्वारा ऑथराइज करने पर पीओपी कवरिंग लेटर के साथ आहरण फॉर्म और समर्थित दस्तावेज को स्टोरेज के प्रयोजनार्थ सीआरए को भेजेगा।

ऐसे आहरण दावों का निपटान नीचे उल्लिखित परिदृश्य में किया जाता है :

  1. आहरण अनुरोध सीआरए में पंजीकृत सभी नामितियों द्वारा किया जाना चाहिए।
  2. यदि कोई नामिति एनपीएस निधि हेतु दावा नहीं करना चाहता तो
    1. ऐसे नामिति/नामितियों जो एनपीएस लाभ हेतु दावा नहीं करना चाहते उन्हें अभित्याग विलेख (रीलिंक्यूशमेंट डीड) प्रस्तुत करनी चाहिए।
    2. एनपीएस लाभों के लिए दावा करने वाले नामिति द्वारा एक क्षतिपूर्ति बांड (इंडेमनिटी बांड)प्रस्तुत करना चाहिए।
  3. ऐसे मामले में जहां एक नामिति वयस्क तथा अन्य नामिति नाबालिक होने पर
    1. वयस्क नामिति अपना आहरण फॉर्म जमा कराएगा।
    2. अभिभावक (अव्यस्क की ओर से) नाबालिक के जन्म तिथि के प्रमाण के साथ आहरण फॉर्म जमा कराएगा।

आहरण राशि केवल इलैक्ट्रोनिक पद्धति के माध्यम से अभिदाता/दावाकर्ता के बैंक खाते (ऑनलाइन आहरण अनुरोध जमा कराते समय उपलब्ध कराए गए बैंक विवरण के अनुसार) में जमा की जाती है।

अभिदाता नीचे उल्लिखित विकल्पों के अनुसार आहरण अनुरोधकी स्थिति की जांच कर सकते हैं :

  1. अभिदाता सीआरए वेबसाइट (www.cra-nsdl.com) के होम पेज पर उपलब्ध ‘लिमिटेड एक्सेस व्यू‘ कार्यपद्धति(लॉगइन से पहले) के माध्यमसे जांच कर सकता है।
  2. अभिदाता एनपीएस खातेमें लॉगइन करके ‘एक्जिट विड्रावल रिक्वेस्ट‘ मेन्यूके अंतर्गत ‘विड्रावल रिक्वेस्ट स्टेटस व्यू‘ में जाकर स्थितिकी जांच कर सकते हैं।

एनपीएस के संदर्भ में, वार्षिकी से तात्‍पर्य उस मासिक राशि से है जिसे अभिदाता वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) से प्राप्‍त करता है। अभिदाता द्वारा निर्धारित पेंशन राशि के एक प्रतिशत भाग (न्‍यूनतम 40%,सूपरैन्यूएशनएवं 80 %समय पूर्व निकास और मृत्‍यु होने के कारण आहरण की स्थिति में) का उपयोग पैनलबद्ध वार्षिकी सेवा प्रदाता से वार्षिकी की खरीद के लिए किया जाता है।

एनपीएस से निकास के बाद अभिदाताओं को एक नियमित मासिक पेंशन प्रदान करने की जिम्मेदारी वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) की होती है। ये एएसपी मूलतः बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित वे बीमा कंपनियां है जिन्हें पीएफआरडीए द्वारा एनपीएस अभिदाताओं को वार्षिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए पैनलबद्ध किया गया है। एएसपी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप कृपया इस बेवसाइट पर दिए गए ‘एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर‘ सेक्शन (होमपेज पर ‘Important Links ‘ के अंतर्गत दिया गया है) को देखें।

पूर्व निकास के मामले में, समय यदि अभिदाता आयु और वार्षिकी की खरीद (एएसपी के चयन और संबंधित वार्षिकी सेवा प्रदाता की वार्षिकी योजना के आधार पर) के लिए कार्पस के मानदंडों को पूरा करता है तो वार्षिकी (पेंशन) तुरंत शुरू हो जाएगी।

एनपीएस के अंतर्गतएएसपी के पास निम्‍नलिखित योजनाएं उपलब्‍ध हैं :

  1. आजीवन वार्षिकी– वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍यु पर, वार्षिकीका भुगतान बंद कर दिया जाता है।
  2. आजीवन वार्षिकीके साथ मृत्‍यु होने पर खरीद मूल्‍यकी वापसी– वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍युहोने पर वार्षिकीका भुगतान बंद कर दिया जाता है और खरीद मूल्‍यको नामितिको वापस लौटा दिया जाता है।
  3. आजीवन वार्षिकीके साथ वार्षिकी कर्ताकी मृत्‍यु होने पर पति/पत्‍नीको 100% वार्षिकी का भुगतान– वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍यु होने पर, नामितिको आजीवन वार्षिकीका भुगतान किया जाता है। यदि पति/पत्‍नीकी मृत्‍यु वार्षिकीकर्तासे पहले हो जाती है तो वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍युके बाद वार्षिकी बंद कर दी जाएगी।
  4. आजीवन वार्षिकीके साथ वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍यु होने पर पति/पत्‍नीको आजीवन 100% वार्षिकीका भुगतान और खरीद मूल्‍यकी वापसी- वार्षिकीकर्ताकी मृत्‍यु होने पर, पति/पत्‍नीको उसके जीवन कालके दौरान वार्षिकीका भुगतान किया जाता है और पति/पत्‍नीकी मृत्‍यु होने पर नामितिको खरीद मूल्‍य वापस लौटा दिया जाता है।

पेंशन राशि की गणना वार्षिकी सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाले संभावित वार्षिकी दरों (समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों के अध्यधीन) के आधार पर की जा सकती है। हालांकि, वास्तवित वार्षिकी राशि वार्षिकी की खरीद के समय प्रचालित दरों पर निर्भर करेगी। संभावित पेंशन राशि के बारे में जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट के पेज पर ‘एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर (एएसपी)‘ देख सकते हैं। इसके अलावा, संभावित पेंशन राशि के लिए आप संबंधित एएसपी की वेबसाइट भी देख सकते हैं।

एक बार वार्षिकी खरीद लेने पर,वार्षिकी रद्द करने या अन्‍य वार्षिकी सेवा प्रदाता या किसी अन्‍य योजना में पुन: निवेश करने की अनुमति नहीं होगी जब तक कि वार्षिकी सेवा प्रदाता द्वारा निर्दिष्‍ट समय सीमा (आईआरडीए द्वारा विशेष रूप से दी गई अथवा वार्षिकी अनुबंध के संबंध में दी गई फ्री लुक अवधि) के भीतर ऐसा न किया जाए।

एनपीएस अभिदाताओं के लिए चरणबद्ध आहरण की सुविधा उपलब्ध है। अभिदाता 60 वर्ष (अथवा नियोक्ता द्वारा निर्धारित सेवानिवृत्ति की कोई अन्य आयु) से 75 वर्ष की अवधि के दौरान एक चरणबद्ध तरीके (10 किश्त तक ) में एकमुश्त राशि के आहरण के विकल्प का चुनाव कर सकता है। हालांकि, अभिदाता को चरणबद्ध आहरण से पूर्व वार्षिकी को खरीदना पड़ता है।

नहीं, अभिदाता जारी रखने के विकल्प का चयन करने के बाद आस्थगन (एकमुश्त और वार्षिकी) के विकल्प का चुनाव नहीं कर सकता।

हां, टीयर । खाता सक्रिय रहने तक अभिदाता अपने टीयर ।। खाते को जारी रख सकता है।

यदि आप टीयर । खाता बंद करने का अनुरोध करते हैं तो आपका टीयर ।। खाता भी बंद हो जाएगा। टीयर ।। खाते की यूनट्सि का मोचन (रीडिम्ड) कर दिया जाएगा और राशि को आपके द्वारा दिए गए बैंक खाते में अंतरित कर दिया जाएगा।

एनपीएस के अंतर्गत कर लाभ से संबंधित जानकारी के लिए कृपया इस FAQ के भाग ‘टैक्स बेनिफिट अंडर एनपीएस‘ के प्रश्नों का संदर्भ लें.